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स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में छपरा शहर के मुकरेड़ा में स्थित सारण जिले का पहला एकमात्र फार्मेसी संस्थान विवेकानंद VIP फार्मेसी कॉलेज एवं सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यालय के निदेशक महोदय, अध्यक्ष महोदय, प्राचार्य महोदय, माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव शंकर यादव जी एवं अन्य समस्त शिक्षक/शिक्षिकागण समेत सभी विद्यार्थियों ने इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सर्वप्रथम अध्यक्ष महोदय श्री विपिन सिंह एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सचिव शंकर यादव जी के करकमलों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उनके समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तत्पश्चात पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इसके उपरांत निदेशक महोदय, प्राचार्य महोदय समेत सभी शिक्षक/शिक्षिकागणों ने भी क्रमवार पुष्पांजलि अर्पित करते हुए हाथ जोड़कर नतमस्तक होकर श्रद्धा भाव प्रकट किए। उपस्थित सभी लोगों ने इस मौके पर स्वामी विवेकानंद के प्रभावपूर्ण क्रियाकलापों तथा पराक्रमों व संदेशों को याद किया।
आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान के अध्यक्ष महोदय ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वामी जी न केवल भारत में युवाओं के लिए बल्कि पूरी दुनिया में आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध और प्रबुद्ध होने की चाह रखने वालों के लिए आदर्श हैं।
माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव शंकर यादव जी ने भी उक्त अवसर पर कहा कि जब 1893 में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी जी ने भाग लिया था, तब उन्हें बोलने के लिए केवल दो मिनट का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने दो घंटे तक बात की, क्योंकि लोग उनके शब्दों और अमेरिका के ब्रदर्स एंड सिस्टर्स के ऐतिहासिक शब्दों से प्यार करने लगे थे। विवेकानंद ने इस देश को पूरी तरह से नई छवि दी और आइडिया ऑफ इंडिया को वर्ल्ड प्रिव्यू दिया।
विद्यालय के निदेशक सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ राहुल राज ने भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला और हर एक सदस्यों से उनके बताए मार्ग पर चलने की अपील की।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश के युवाओं को ऐसा मंत्र दिया, जिससे वे देश की उन्नति में अपना योगदान देने के लिए आगे आए। इस प्रकार स्वामी जी की जितनी भी उपलब्धियों के बारे में बात की जाए, उसके लिए शायद शब्द भी कम पड़ जाएं। विद्यालय परिवार के सभी लोगों में स्वामी जी के आदर्शों के प्रति श्रद्धा भाव नजर आया।।